चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि पर चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हज़ारों की संख्या में यहां पहुंचे भक्तों ने माता के स्कंदमाता रूप की पूजा की। उन्हें शृंगार की सामग्री अर्पित की। भक्तों ने व्रत रख कर देवी चंडी की आराधना की। शक्ति, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हुए मन्नतें रखी। बुधवार को मंदिर पहुंचे हजारों भक्तों के हाथ में माता के शृंगार का सामान देखा गया। मान्यता है कि पंचमी के दिन माता को शृंगार अर्पित करने से वे महिलाओं को अखंड सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इधर मंदिर के सामने बने सांस्कृतिक मंच पर भजन मंडलियों की संगीतमय प्रस्तुतियों ने भक्तों को भक्ति-रस में सराबोर कर दिया। महाकाली और मां दुर्गा के नव रूपों का मंचन कर सांस्कृतिक मंडलियों ने श्रद्धालुओं को देवी की महिमा का साक्षात्कार कराया। श्रद्धालु देवी के विभिन्न स्वरूपों को देखकर भावविभोर हो उठे और पूरे वातावरण में भक्ति का संचार हो गया। पंचमी पूजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि शक्ति, श्रद्धा और आस्था का संगम है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ, व्रत और अनुष्ठान भक्तों को आध्यात्मिक बल प्रदान करते हैं। देवी उपासकों के लिए यह दिन न केवल मां की कृपा प्राप्त करने का अवसर है, बल्कि आत्मशुद्धि और समर्पण का प्रतीक भी है। नवरात्र के नौ दिवसीय अनुष्ठान के अंतर्गत इस दिन विशेष प्रसाद तैयार किया गया, जिसे भंडारे के रूप में भक्तों को वितरित किया गया। श्रद्धालु माता का प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को कृतार्थ अनुभव कर रहे थे। भंंडारे में माता के भक्तों की सहभागिता रही।
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