इतिहास और विरासत

चण्डी माता घुचापाली मंदिर की यात्रा, आध्यात्मिक परंपरा और ऐतिहासिक महत्व को जानें। सदियों से भक्ति और श्रद्धा का केंद्र रहे इस पवित्र स्थल का इतिहास।

मंदिर का ऐतिहासिक सफर

चण्डी माता मंदिर के विकास और महत्व की कथा, प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक

1965
मंदिर की स्थापना

मंदिर की स्थापना

1965 में मां चंडी के प्राचीन मूर्ति की खोज के बाद स्थानीय भक्तों द्वारा एक छोटे मंदिर की स्थापना की गई। इस प्राचीन मूर्ति को स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार कई सदियों पुराना माना जाता है।

1980
मंदिर का विस्तार

मंदिर का विस्तार

बढ़ती भक्तों की संख्या के कारण 1980 में मंदिर का पहला बड़ा विस्तार किया गया। इस विस्तार के दौरान मुख्य मंदिर भवन, यज्ञशाला और भक्तों के लिए विश्राम कक्ष का निर्माण किया गया।

1965
मंदिर की स्थापना

मंदिर की स्थापना

1965 में मां चंडी के प्राचीन मूर्ति की खो�...

1980
मंदिर का विस्तार

मंदिर का विस्तार

बढ़ती भक्तों की संख्या के कारण 1980 में म�...

मंदिर के संस्थापक

उन महान आत्माओं को समर्पित जिन्होंने मां चंडी के इस दिव्य स्थान की स्थापना और विकास में अपना जीवन समर्पित किया

याज्ञिक सम्राट चैतन्य स्वामी श्री अग्निशिखा जी महाराज

याज्ञिक सम्राट चैतन्य स्वामी श्री अग्निशिखा जी महाराज

मुख्य संस्थापक एवं संरक्षक

आप प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक साधक हैं, आपका जीवन पूर्णतः आध्यात्मिक साधना और आशीर्वाद को समर्पित है।

मंदिर के स्वरुप का विकास

चंडी माता मंदिर को भव्य रूप देने समय समय पर किये गए बदलाव की छवियां

हमारी विरासत को जानें

चंडी माता मंदिर के इतिहास और परंपराओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें। हमारे आध्यात्मिक यात्रा में शामिल हों और मां चंडी की दिव्य कृपा का अनुभव करें।

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